पीडब्ल्यूडी के सभी टेंडर अब होंगे ऑनलाइन, सुक्खू सरकार ने लिया बड़ा निर्णय

पीडब्ल्यूडी के सभी टेंडर अब होंगे ऑनलाइन, सुक्खू  सरकार ने लिया बड़ा निर्णय
शिमला

अब लोक निर्माण विभाग के सभी टेंडर ऑनलाइन ही होंगे। पहले एक से पांच लाख तक टेंडर ऑफलाइन होते थे। अब सभी ठेकेदारों को ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया के बाद ही कार्य आवंटित होंगे। ऐसा सरकार ने पारदर्शिता लाने के लिए किया है।

लोक निर्माण विभाग हिमाचलद प्रदेश

हिमाचल प्रदेश में अब लोक निर्माण विभाग के सभी टेंडर ऑनलाइन ही होंगे। पहले एक से पांच लाख तक टेंडर ऑफलाइन होते थे। अब सभी ठेकेदारों को ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया के बाद ही कार्य आवंटित होंगे। ऐसा सरकार ने पारदर्शिता लाने के लिए किया है। सुक्खू सरकार ने लोक निर्माण विभाग के निर्माण कार्यों में गति लाने के लिए फील्ड स्तर के अभियंताओं की वित्तीय शक्तियां भी बढ़ा दी हैं। सरकार ने निविदा प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए भी निर्धारित समय बढ़ाया है। अब अधिशासी अभियंता को दो करोड़ रुपये तक की वित्तीय शक्तियां दी गई हैं। पहले यह एक करोड़ तक होती थीं। अधीक्षण अभियंता की शक्तियां एक करोड़ से बढ़ाकर छह करोड़ रुपये कर दी गई हैं। छह करोड़ रुपये से अधिक लागत के कार्यों के लिए मुख्य अभियंता सक्षम होंगे।

पहले की निविदा प्रक्रिया में भी बदलाव किया है। पहले टेंडर में 60 दिन का समय लग जाता था। अब विभाग ने ऑनलाइन निविदा की समय अवधि दस दिन की है। निविदाएं प्राप्त होने के दस दिन के भीतर अधिशासी अभियंता अवार्ड लेटर जारी करेंगे। यानी, ऑनलाइन प्रकाशन के 20 दिन के भीतर अवार्ड लेटर जारी हो जाएगा। यदि मामला दो करोड़ रुपये से ऊपर अधीक्षण अभियंता के स्तर का हो तो दस दिन निविदा प्राप्त करने, सात दिन अधिशासी अभियंता के स्तर पर और दस दिन अधीक्षण अभियंता के स्तर पर प्रक्रिया के लिए निर्धारित किए गए हैं।

ऑनलाइन प्रकाशन के 27 दिन के भीतर अवार्ड लेटर जारी हो जाएगा। यदि मामला 6 करोड़ रुपये से ऊपर मुख्य अभियंता के स्तर का है तो दस दिन निविदा प्राप्त करने के लिए सात दिन अधिशासी अभियंता के स्तर पर, पांच दिन अधीक्षण अभियंता और आठ दिन मुख्य अभियंता के स्तर पर प्रक्रिया के लिए निर्धारित किए गए हैं। ऑनलाइन प्रकाशन के दस दिन के भीतर अवार्ड लेटर जारी हो जाएगा। निर्धारित समय सीमा में कार्य का आवंटन किया जाना अनिवार्य है। यदि किसी स्तर पर निर्धारित समयावधि का पालन नहीं किया गया तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है। इसमेें फील्ड अधिकारियों की परफार्मेंस देखी जाएगी और उसके अनुरूप उनकी एसीआर ग्रेडिंग में भी प्रविष्टि की जाएगी।

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